शिवराज के राज में किसान बन सरकारी खर्च पर नीदरलैंड घूम आए मंत्री के बेटे-भतीजे

 उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री सूर्यप्रकाश मीणा ने अपने मंत्री पद का दुरुपयोग कर बेटे, भतीजे और करीबियों को किसानों की टीम में शामिल कर विदेश की सैर करवा दी। यह खुलासा आरटीआई से मिली जानकारी में हुआ है। बताया जाता है कि मंत्री पुत्र और भतीजे की विदेश यात्रा पर सरकारी खजाने से ढाई-ढाई लाख रुपए खर्च किए गए।

सरकार की एक योजना के तहत पिछले साल प्रगतिशील किसानों को फसल की विदेशी तकनीक की जानकारी दिलाने के लिए विदेश भेजा गया था। यह यात्रा 2 नवम्बर से 7 नवम्बर तक की रही। यात्रा में किसानों के साथ मंत्री सूर्यप्रकाश मीणा के पुत्र देवेश और भतीजा कृष्णा भी गए थे।

फूलों की खेती की तकनीक सीखने के लिए थी यात्रा

यह विदेश यात्रा फूलों की खेती की उन्नत तकनीक सीखने के लिए की गई थी। विभाग ने जिन लोगों का चयन किया गया, उनको दस्तावेजों में किसान दिखाया गया। हालांकि देवेश के रिकॉर्ड में तो खेती का कॉलम खाली है, जबकि कृष्णा को गेहूं और सोयाबीन का किसान बताया गया। इस हिसाब से मंत्री पुत्र और भतीजा सरकारी योजना के पात्र नहीं थे।

मंत्री बोले

मध्य प्रदेश के उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री सूर्यप्रकाश मीणा बताते हैं, "विदेश यात्रा के लिए जब पंजीयन हुआ था तब मैं मंत्री नहीं था। यह संयोग है कि जब ये विदेश गए तो मैं मंत्री बना और मुझे उद्यानिकी विभाग मिल गया। इसमें पद के दुरुपयोग की बात कहीं नहीं है। फिर भी मुख्यमंत्री जो निर्देश देंगे मुझे मान्य होगा।"

यात्रा करने वाले ये किसान थे शामिल

सरकार की एक योजना के तहत पिछले साल प्रगतिशील किसानों को भेजा गया था। यात्रा में किसानों के साथ मंत्री सूर्यप्रकाश मीणा के पुत्र देवेश और भतीजा कृष्णा भी गए थे। इनके अलावा दल में विदिशा से ही मंत्री के दो और करीबी रंधीर सिंह और महेंद्र सिंह भी थे। इस सूची में अफसरों के अलावा विदिशा, बैतूल, होशंगाबाद, देवास, उज्जैन, खरगोन, इंदौर, जबलपुर, रतलाम, धार, रायसेन के किसान शामिल थे।

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