IAS की तरह होगा UPPCS- 2018 परीक्षा का पैटर्न

IAS की तरह होगा UPPCS- 2018 परीक्षा का पैटर्न

उप्र लोकसेवा आयोग 2018 की पीसीएस परीक्षा का पैटर्न बदलने की प्रक्रिया अगले माह से शुरू करने जा रहा है। इस कार्य को दिसंबर तक पूरा कर लिए जाने का लक्ष्य है, ताकि जनवरी से आवेदन लेने का कार्य आसानी से शुरू हो सके और आयोग और अभ्यर्थियों के सामने असमंजस की स्थिति न रहे।
उप्र लोकसेवा आयोग परीक्षाओं का संचालन यूपीएससी के तर्ज पर करता आया है। वह चाहे सीसैट लागू करना रहा हो या फिर परीक्षा के अन्य पैटर्न में बदलाव का मामला हो। यूपी पीएससी ने 2017 में ही परीक्षा का पैटर्न बदलने की तैयारी की थी लेकिन, शासन ने प्रस्ताव पर असहमति जताने से वह प्रक्रिया लटक गई। इसीलिए पिछली बार पीसीएस के आवेदन लेने का कार्य विलंब से शुरू हुआ। असल में यूपीएससी व यूपी पीएससी की मुख्य परीक्षा में अंतर है।
यूपीएससी जहां मुख्य परीक्षा में एक वैकल्पिक विषय है, वहीं यूपी पीएससी में दो वैकल्पिक विषय हैं। संघ लोकसेवा आयोग में सामान्य अध्ययन के चार पेपर लिखित होते हैं, वहीं यूपी पीएससी में दो पेपर बहुविकल्पीय होते हैं। आयोग इसी तर्ज पर पाठ्यक्रम बदलने जा रहा है। इसका खाका अभी आयोग में ही तैयार हो रहा है। माना जा रहा है कि अक्टूबर में उसे शासन को भेजा जाएगा।
ज्ञात हो कि आयोग विशेषज्ञों की कार्यशाला पहले ही करा चुका है और शासन की आपत्ति का लगभग निस्तारण हो चुका है। आयोग के सचिव जगदीश ने बताया कि पैटर्न बदलने का प्रस्ताव अभी आयोग में ही लंबित है, जल्द ही शासन को भेजा जाएगा वहां से अनुमति मिलने के बाद अभ्यर्थियों को बदलाव से अवगत कराएंगे। पूरी तैयारी है कि 2018 पीसीएस से यह लागू हो जाए।
प्रस्ताव बनाया गया है कि पीसीएस की मुख्य परीक्षा में सामान्य अध्ययन के चार पेपर शामिल किए जाएं और चारों पेपरों की लिखित परीक्षा हो, जैसा कि आईएएस की मुख्य परीक्षा में होता है। इसके अलावा दो वैकल्पिक विषयों के बजाय एक विकल्प की व्यवस्था लागू की जाए, जबकि 150-150 नंबर के सामान्य हिंदी एवं निबंध के पेपर को पहले की तरह बरकरार रखा जाए। नए पैटर्न में सामान्य अध्ययन का हर पेपर 200-200 यानी कुल 800 नंबर का होगा जबकि अभी कुल 400 अंक के सामान्य अध्ययन के दो पेपर आते हैं। इसके अलावा नई व्यवस्था में वैकल्पिक विषय के कुल 400 अंक रह जाएंगे जबकि अभी कुल 800 अंक के दो वैकल्पिक विषय होते हैं।
सहायक अभियोजन अधिकारी यानी एपीएस परीक्षा के रिजल्ट की सात साल से प्रतीक्षा कर रहे अभ्यर्थियों के लिए खुशखबरी है। 2010 में हुई परीक्षा के परिणाम शीघ्र ही घोषित होने की उम्मीद है। इसके साथ ही डायट प्रवक्ता 2015 के परीक्षा परिणाम भी जारी करने की आयोग तैयारी कर रहा है। आयोग में सपा शासन के दौरान परीक्षाएं तो खूब हुईं लेकिन, परिणाम जारी करने में अफसरों की मनमानी चली।
इनमें लंबे समय से रुके हुए सहायक अभियोजन अधिकारी परीक्षा के अभ्यर्थियों की उम्मीद पर साल दर साल पानी फिरता रहा। आयोग ने एपीएस 2015 का फाइनल परिणाम जारी कर एपीएस 2010 के अभ्यर्थियों में भी आस जगा दी थी। इसकी तैयारी भी आयोग ने लगभग पूरी कर ली है। सूत्र बताते हैं कि रिजल्ट 28 सितंबर को जारी हो सकता है। इसी के साथ डायट प्रवक्ता 2015 के परिणाम भी जारी होने की उम्मीद है। हालांकि आयोग के अधिकारी अभी इस बारे में कुछ भी नहीं कर रहे।

Comments