केंद्र सरकार ने पाकिस्तान और चीन के साथ सीमा पर तनाव देखते हुए सेना को 40,000 करोड़ रुपए तक का साजोसामान सीधे खरीदने का अधिकार दे दिया है। इससे सेना को छोटी अवधि के युद्ध के लिए रक्षा खरीद समिति की मंजूरी नहीं लेनी पड़ेगी और उसे जरूरी साधनों को कम समय में जुटाने में सहूलियत होगी। भारत एक ऐसी मिसाइल विकसित कर रहा है जिससे वह अपने दक्षिणी हिस्से से चीन में कहीं पर भी परमाणु हमला करने में सक्षम हो जाएगा।
चीन बॉर्डर के पास भारत ने तैनात किए 100 टैंक चीन की भारतीय सीमा में घुसपैठ के खतरे से निपटने के लिए इंडियन आर्मी ने लद्दाख बॉर्डर पर 100 टैंकों की तैनाती की है। अभी और टैंक यहां लाए जाने हैं। माइनस 45 डिग्री सेल्सियस टेम्परेचर में ये टैंक स्पेशल फ्यूल से चलेंगे। लद्दाख में टीपू सुल्तान, महाराणा प्रताप और औरंगजेब जैसी टैंक रेजिमेंट की करीब 6 महीने पहले ही तैनाती की जा चुकी है। इससे पहले, भारत ने 1962 की जंग के दौरान प्लेन से 5 टैंक उतारे थे। सेना बेहद संवेदनशील माने जाने वाले लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक सीमाओं पर तैनात 90,274 सैनिकों को गोला-बारूद, वायुसेना, इंजीनियरिंग ब्रिगेड से लैस करेगी। 2021 तक पूरा होने वाले इस प्रोजेक्ट पर 64,678 करोड़ खर्च आएगा।
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