70 हजार करोड़ होंगे खर्च समुद्र की निगरानी पर, प्रोजेक्ट-75 के तहत 6 देशों ने बढ़ाए हाथ!


चीन के साथ लगातार बढ़ते विवाद और सीमा पर तनातनी के बीच भारत ने आखिरकार अपनी सामुद्रिक सामरिक क्षमता बढ़ाने की कवायद तेज कर दी है। भारत ने 6 देशों (फ्रांस, जर्मनी, रूस, स्वीडन, स्पेन और जापान) के साथ मिलकर समंदर के अंदर सुरक्षा के लिए सबसे बड़े सौदे की पहल कर दी है। इस डील के तहत भारत में 70 हजार करोड़ के लागत से 6 एडवांस्ड स्टेल्थ पनडुब्बियां बनाई जाएंगी। आख़िरकार 10 साल की देरी के बाद सरकार ने 6 अन्य देशों के साथ मिलकर प्रोजेक्ट-75 लांच किया है, जिसके तहत कम से कम 6 एडवांस स्टील्थ टेक्नोलॉजी से लैस पनडुब्बियांभारतीय नौसेनाको मिलेंगी। इसके लिए 70 हजार करोड़ की लागत की संभावना जताई जा रही है। पनडुब्बी निर्माण को लेकर मोदी सरकार के इस रक्षा कार्यक्रम को प्रोजेक्ट-75 (इंडिया) नाम दिया गया है। यह भी पढ़े: सरकार को अध्यादेश के विकल्प से बचना चाहिए: प्रणब मुखर्जी द टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक भारत के इस रक्षा कार्यक्रम को प्रोजेक्ट-75 नाम दिया गया है। केंद्र सरकार ने पहली बार नवंबर 2007 में इसकी जरूरत को स्वीकार किया था। उस वक्त देश में मनमोहन सिंह के नेतृत्व में यूपीए सरकार काबिज थी। अब यह डील 10 साल बाद आगे बढ़ रही है, इस साल मई में रक्षा मंत्रालय ने इस सौदे पर अंतिम मंजूरी दी है। सूत्र के मुताबिक भारत सरकार ने हाल के दिनों में पनडुब्बी बनाने के लिए 6 शिपबिल्डर्स को रिक्वेस्ट फॉर इन्फोर्मेशन (आरएफआई) भेजा है। इनमें नवल ग्रुप-डीसीएनएस (फ्रांस), थाइसेनक्रुप मरीन सिस्टम (जर्मनी), रोसोबोरोनएक्सपर्ट रुबीन डिजाइन ब्यूरो (रूस), नवानतिया (स्पेन), साब (स्वीडन) और मित्सुबिशी-कावासाकी हेवी इंडस्ट्रीज कम्बाइन (जापान) शामिल हैं। अधिकारी ने बताया कि इन कंपनियों से 15 सितंबर तक जवाब देने के लिए कहा गया है। योजना के मुताबिक प्रोजेक्ट-75 के तहत नौ-सेना को 18 डीजल-इलेक्ट्रिक सबमरीन, 6 परमाणु हमले में सक्षम सबमरीन (एसएसएन) और 4 परमाणु ऊर्जा से संचालित सबमरीन जिनमें लंबी दूरी कीपरमाणु मिसाइल(एसएसबीएन) लगी हों, मिलेंगी। खबर के मुताबिक भारत इनका इस्तेमाल चीन और पाकिस्तान के खिलाफ प्रतिरोध के लिए करेगी। आपको बता दें कि भारतीय नौसेना के पास फिलहाल केवल 13 पुरानी पनडुब्बियां हैं, इनमें से आधी हरदम सक्रिय रहती हैं। हालांकि इन पनडुब्बियों में से कम से कम 10 ऐसी हैं जो 25 साल से ज्यादा पुरानी हैं। इनमें अभी भारत के पास 2 परमाणु क्षमता संपन्न पनडुब्बियां हैं। वहीं आईएनएस अरिहंत (एसएसएसबीएन) और आईएनएस चक्र (एसएसएन) भी भारतीय नौसेना के पास हैं

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