उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दौरान बुधवार को जमकर हंगामा हुआ।
विपक्षी पार्टियों ने योगी सरकार को कानून-व्यवस्था और शराबबंदी के मुद्दे
पर चौतरफा घेरने की कोशिश की। हंगामे के कारण दो बार कार्यवाही रोकनी पड़ी।
विपक्ष ने सदन में गन्ना किसानों की मांग को लेकर हंगामा किया।
उत्तर प्रदेश में शराबबंदी को लेकर योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि राज्य में शराबबंदी नहीं हो सकती। राजस्व की वजह से शराबबंदी नहीं की जा सकती।
विधानसभा की कर्यवाही शुरू होते ही बसपा सदस्यों ने आजमगढ़ जहरीली शराब का मामला उठाया। बसपा ने शराबबंदी पर चर्चा की मांग उठाई। इस दौरान कांग्रेस सदस्यों ने अवैध शराब का मुद्दा उठाया और इससे निपटने के लिए शराबबंदी की मांग की। इसके जवाब में मंत्री सुरेश खन्ना ने शराबबंदी से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि राजस्व की वजह से राज्य में शराबबंदी नहीं की जा सकती।
दूसरी तरफ विधानसभा में नेता प्रतविपक्ष राम गोविंद चौधरी ने कानून-व्यवस्था का मुद्दा उठाया। चौधरी ने कहा कि उप्र में आए दिन हत्या, लूट और दुष्कर्म की घटनाएं हो रही हैं। इस पर सरकार क्या कर रही है।
संसदीय कार्यमंत्री ने इसका जवाब दिया। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के कारनामों की वजह से आज भी हमें हर रोज कानून-व्यवस्था पर सफाई देनी पड़ती है।
विधान परिषद में कार्यवाही शुरू होते ही सपा के विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। सपा सदस्यों ने नालों की गाद सफाई का मुद्दा उठाया। सपा का आरोप था कि नालों की सफाई में भ्रष्टाचार व्याप्त है। इस पर सिंचाई मंत्री ने कहा कि प्रदेश में 30 हजार किलोमीटर नालों की सफाई हर साल होती है। सिंचाई में भ्रष्टाचार नहीं है।
वहीं, विधायक उमेश द्विवेदी ने वित्त विहीन शिक्षकों पर लाठीचार्ज का मुद्दा भी उठाया। कुछ दिनों पहले वित्त विहीन शिक्षकों ने विधानसभा के बाहर धरना-प्रदर्शन किया था।
उन्होंने कहा, “सरकार धरना-प्रदर्शन करने वाले अध्यापकों पर लाठीचार्ज करा रही है। जबकि शिक्षक शांतिपूर्वक धरना दे रहे थे।” उन्होंने आरोप लगाया कि लाठीचार्ज के दौरान कई पुलिस वाले नशे में थे। उन्होंने सरकार से उन पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
उत्तर प्रदेश में शराबबंदी को लेकर योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि राज्य में शराबबंदी नहीं हो सकती। राजस्व की वजह से शराबबंदी नहीं की जा सकती।
विधानसभा की कर्यवाही शुरू होते ही बसपा सदस्यों ने आजमगढ़ जहरीली शराब का मामला उठाया। बसपा ने शराबबंदी पर चर्चा की मांग उठाई। इस दौरान कांग्रेस सदस्यों ने अवैध शराब का मुद्दा उठाया और इससे निपटने के लिए शराबबंदी की मांग की। इसके जवाब में मंत्री सुरेश खन्ना ने शराबबंदी से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि राजस्व की वजह से राज्य में शराबबंदी नहीं की जा सकती।
दूसरी तरफ विधानसभा में नेता प्रतविपक्ष राम गोविंद चौधरी ने कानून-व्यवस्था का मुद्दा उठाया। चौधरी ने कहा कि उप्र में आए दिन हत्या, लूट और दुष्कर्म की घटनाएं हो रही हैं। इस पर सरकार क्या कर रही है।
संसदीय कार्यमंत्री ने इसका जवाब दिया। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के कारनामों की वजह से आज भी हमें हर रोज कानून-व्यवस्था पर सफाई देनी पड़ती है।
विधान परिषद में कार्यवाही शुरू होते ही सपा के विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। सपा सदस्यों ने नालों की गाद सफाई का मुद्दा उठाया। सपा का आरोप था कि नालों की सफाई में भ्रष्टाचार व्याप्त है। इस पर सिंचाई मंत्री ने कहा कि प्रदेश में 30 हजार किलोमीटर नालों की सफाई हर साल होती है। सिंचाई में भ्रष्टाचार नहीं है।
वहीं, विधायक उमेश द्विवेदी ने वित्त विहीन शिक्षकों पर लाठीचार्ज का मुद्दा भी उठाया। कुछ दिनों पहले वित्त विहीन शिक्षकों ने विधानसभा के बाहर धरना-प्रदर्शन किया था।
उन्होंने कहा, “सरकार धरना-प्रदर्शन करने वाले अध्यापकों पर लाठीचार्ज करा रही है। जबकि शिक्षक शांतिपूर्वक धरना दे रहे थे।” उन्होंने आरोप लगाया कि लाठीचार्ज के दौरान कई पुलिस वाले नशे में थे। उन्होंने सरकार से उन पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

Comments
Post a Comment