क्या कहा लालू ने:-
महागठबंधन के विरुद्ध जाकर नीतीश करते रहे कई निर्णय
पीएम के भोज में शामिल होकर नीतीश ने दी थी महागठबंधन को चुनौती
गठबंधन से पहले मेरे बारे में सबकुछ जानते थे नीतीश
नीतीश ने कहा था मिट्टी में मिल जाएंगे लेकिन भाजपा को मिटाएंगे
नीतीश ने खुद कहा कि हमने नहीं मांगा इस्तीफा
फोन पर हुई थी नीतीश से बात
नीतीश कुमार 302 के मुदालह हैं। मर्डर और आर्म्स केस के अव्वल मुदालह हैं।
कभी भी हो सकती हैं उनको उम्र कैद और फांसी
भ्रष्टाचार से बड़ी है हत्याचार
महागठबंधन के विरुद्ध जाकर नीतीश करते रहे कई निर्णय
पीएम के भोज में शामिल होकर नीतीश ने दी थी महागठबंधन को चुनौती
गठबंधन से पहले मेरे बारे में सबकुछ जानते थे नीतीश
नीतीश ने कहा था मिट्टी में मिल जाएंगे लेकिन भाजपा को मिटाएंगे
नीतीश ने खुद कहा कि हमने नहीं मांगा इस्तीफा
फोन पर हुई थी नीतीश से बात
नीतीश कुमार 302 के मुदालह हैं। मर्डर और आर्म्स केस के अव्वल मुदालह हैं।
कभी भी हो सकती हैं उनको उम्र कैद और फांसी
भ्रष्टाचार से बड़ी है हत्याचार
बताते चले कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने चल रहे सियासी सरगर्मी के बीच इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने यह साफ कर दिया कि किसी भी कीमत पर वे भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति से समझौता नहीं कर सकते हैं। यही वजह है कि जब राजद विधानमंडल दल की बैठक के बाद अंतिम रूप से जब यह तय हो गया कि डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव इस्तीफा नहीं देंगे तो उन्होंने खुद ही इस्तीफा दे दिया।
इस्तीफा के बाद नीतीश ने मीडिया से कहा कि वर्तमान में उनका काम करना मुश्किल हो गया था। अब क्या वे भाजपा के साथ नई सरकार बनाएंगे, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि आगे क्या होगा अभी से कहना मुश्किल है।
गौरतलब है कि नीतीश कुमार ने बुधवार को पार्टी विधानमंडल की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में मंत्रिमंडल भंग करने व नीतीश कुमार के इस्तीफे का फैसला लिया गया। सरकार को लेकर अंतिम निर्णय पर आने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यपाल से मिलने का वक्त मांगा। इसके बाद उन्होंने राज्यपाल से मिलकर अपना इस्तीफा सौंप दिया।
नीतीश ने कहा
इस्तीफा देने के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि उनसे जितना संभव हुआ, गठबंधन धर्म का पालन करते हुए जनता से किए वायदे पूरे करने के किए।
- हमने तेजस्वी का कभी इस्तीफा नहीं मांगा। लालू जी से बातचीत होती रही है। तेजस्वी भी मिले। हमने कहा कि जो भीद आरेाप लगे हैं, उसे एक्सप्लेन कीजिए। आम जन के बीच जो अवधारना बन रही है, उसके लिए यह जरूरी है। वो नहीं हुआ।
- राहुल जी से भी बात की। बिहार में भी कांग्रेस के लोग हैं, उनसे भी कहा।
- ऐसी परिस्थिति बनी कि काम करना संभव नहीं हो रहा था।
-हमने अपनी बात कह दी थी, अब उनको करना था।
- वहां अपेक्षा थी कि हम संकट में हैं तो हमारी रक्षा कीजिए। यह कोई संकट नहीं है, अपने आप बुलाया गया संकट है।
- जबतक चला सकते थे चला दिया, अब ये मेरे स्वभाव व काम करने के तरीकों के अनुकूल नहीं है।
- नोटबंदी का समर्थन किया तो न जाने क्या-क्या बात कही गई। हमने ही कहा था कि बेनामी संपत्ति पर कार्रवाई कीजिए।
- चर्चा हो रही थी कि नीतीश इस्तीफा नहीं देंगे, तेजस्वी को बर्खासत करेंगे। यह मेरे काम करने का तरीका नहीं है। मैंने खुद ही नमस्कार कर दिया।
यह है मामला
विदित हो कि सीबीआइ की एफआइआर में नामजद डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के इस्तीफे को लेकर भाजपा ने विधानमंडल के मॉनसून सत्र को बाधित करने का अल्टीमेटम दिया था। जदयू ने भी कई बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भ्रष्टाचार के प्रति 'जीरो टॉलरेंस' की बात कही। उधर, राजद ने साफ कर दिया था कि तेजस्वी किसी भी स्थिति में इस्तीफा नहीं देने जा रहे हैं। ऐसे में उनके पास खुद इस्तीफा देने या तेजस्वी को बर्खास्त करने का विकल्प था।
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