हमेशा संक्रमण से बचाए
अगर आप अकसर संक्रमण की चपेट में आ जाते हैं तो नीम की कोंपलों को एक माह तक चबाएं। इस ऋतु में पुराने पत्ते झड़ जाते हैं और नये आते हैं, जो हल्के लाल रंग के होते हैं। यही कोंपल कहलाते हैं। इनकी दो-तीन पत्तियां ले लें और धोकर चबा जाएं। ज्यादा कड़बी लगे तो अगले दिन से थोड़ी अजवाइन के साथ चबाएं। इससे पूरे साल संक्रमण की समस्या से सुरक्षित रहेंगे।
अगर आप अकसर संक्रमण की चपेट में आ जाते हैं तो नीम की कोंपलों को एक माह तक चबाएं। इस ऋतु में पुराने पत्ते झड़ जाते हैं और नये आते हैं, जो हल्के लाल रंग के होते हैं। यही कोंपल कहलाते हैं। इनकी दो-तीन पत्तियां ले लें और धोकर चबा जाएं। ज्यादा कड़बी लगे तो अगले दिन से थोड़ी अजवाइन के साथ चबाएं। इससे पूरे साल संक्रमण की समस्या से सुरक्षित रहेंगे।
त्वचा के पुराने रोगों में फायदेमंद
सूखे पत्तों का चूर्ण और आंवले का चूर्ण मिलाकर घी में मिला लें और त्वचा के उस हिस्से पर लगाएं, बहुत जल्द लाभ होगा।
सूखे पत्तों का चूर्ण और आंवले का चूर्ण मिलाकर घी में मिला लें और त्वचा के उस हिस्से पर लगाएं, बहुत जल्द लाभ होगा।
नीम की सींक
भोजन करते समय भोजन का अंश दांतों में फंस जाय तो उसे धातु से बनी चीज से न निकालें। नीम की सींक अधिक उपयोगी और सुरक्षित है।
भोजन करते समय भोजन का अंश दांतों में फंस जाय तो उसे धातु से बनी चीज से न निकालें। नीम की सींक अधिक उपयोगी और सुरक्षित है।
सांस की बदबू दूर करे
मसूढ़े बार-बार फूलें, ठंडा-गर्म लगे, सांस से बदबू आए तो नीम के पत्ते तोड़कर धोकर साफ कर खूब उबाल कर ठंडा कर सहन करने लायक पानी से कुल्ला करना फायदेमंद होता है।
मसूढ़े बार-बार फूलें, ठंडा-गर्म लगे, सांस से बदबू आए तो नीम के पत्ते तोड़कर धोकर साफ कर खूब उबाल कर ठंडा कर सहन करने लायक पानी से कुल्ला करना फायदेमंद होता है।
जब बुखार लग जाए
बुखार लग जाए तो इसके पत्ते को जला कर धुंआ करना या इसकी छाल का काढ़ा बनाकर पीना लाभकारी होता है।
बुखार लग जाए तो इसके पत्ते को जला कर धुंआ करना या इसकी छाल का काढ़ा बनाकर पीना लाभकारी होता है।
दांतों-मसूढ़ों की तकलीफ में फायदेमंद
नीम की लकड़ी की दातुन करने से दांत व मसूढ़े मजबूत होते हैं, पायरिया, मुंह की बदबू नष्ट होती है। मसूढ़ों की सूजन, खून आना बन्द होता है। दांतों व मसूढ़ों की समस्त बीमारियों में इससे लाभ होता है।
नीम की लकड़ी की दातुन करने से दांत व मसूढ़े मजबूत होते हैं, पायरिया, मुंह की बदबू नष्ट होती है। मसूढ़ों की सूजन, खून आना बन्द होता है। दांतों व मसूढ़ों की समस्त बीमारियों में इससे लाभ होता है।
याद रखें
इसके सेवन से कोई नुकसान नजर आये तो गाय का दूध या गाय का घी प्रयोग कर उस दुष्प्रभाव से मुक्त हो सकते हैं। अगर दूध या घी न मिले तो सेंधा नमक चूसना फायदेमंद साबित होता है।
इसके सेवन से कोई नुकसान नजर आये तो गाय का दूध या गाय का घी प्रयोग कर उस दुष्प्रभाव से मुक्त हो सकते हैं। अगर दूध या घी न मिले तो सेंधा नमक चूसना फायदेमंद साबित होता है।
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